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जहरीली गैस से 5 की मौत, मचा हड़कंप, लकड़ी निकालने कुएं में उतरे युवक को बचाने बारी-बारी उतरे थे 4 लोग

 Newsbaji  |  Jul 05, 2024 11:24 AM  | 
Last Updated : Jul 05, 2024 11:24 AM
इसी कुएं में ये दर्दनाक घटना हुई है.
इसी कुएं में ये दर्दनाक घटना हुई है.

जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के बिर्रा थाना अंतर्गत ग्राम किकिरदा में एक दर्दनाक हादसा हुआ है. यहां जहरीली गैस की वजह से पांच लोगों की जान चली गई. इस घटना से हड़कंप मच गया है और पूरे गांव में मातम का माहौल है. पुलिस शवों को निकालने की कोशिश में जुटी है.

बता दें कि सुबह रामचरण जायसवाल ने कुएं में गिरी लकड़ी को निकालने का प्रयास किया. बताया जा रहा है कि लंबे समय से कुएं का उपयोग नहीं हो रहा था और उसे ढंक दिया गया था. जब रामचरण लकड़ी निकालने के लिए कुएं में उतरे तो उन्हें जहरीली गैस का सामना करना पड़ा, जिससे उनका दम घुटने लगा और वे डूब गए.

रामचरण को बचाने के प्रयास में पड़ोसी रमेश पटेल भी कुएं में उतरे, लेकिन वे भी उसी जहरीली गैस का शिकार हो गए. जब रमेश पटेल का दम घुटने लगा तो उनके बेटे राजेंद्र और जितेंद्र पटेल उन्हें बचाने के लिए कुएं में उतरे. दुर्भाग्यवश, दोनों बेटों का भी दम घुट गया और वे भी डूब गए.

इसके बाद एक अन्य पड़ोसी टिकेश चंद्रा ने अपने दोस्तों को बचाने का प्रयास किया और कुएं में उतरे, लेकिन वे भी जहरीली गैस से प्रभावित हुए और उनकी भी मौत हो गई. इस घटना के बाद पूरे गांव में हाहाकार मच गया. ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और पुलिस को सूचित किया गया.

पुलिस ने तुरंत एसडीआरएफ की टीम को बुलाया ताकि शवों को बाहर निकाला जा सके. इस हादसे में तीन परिवारों के पांच लोगों की मृत्यु हुई है, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.

जहरीली गैस बेहद घातक
कुएं में होने वाली ऐसी घटनाएं आमतौर पर मिथेन, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी जहरीली गैसों की वजह से होती हैं. ये गैसें जब अधिक समय तक एक सीमित स्थान में एकत्रित हो जाती हैं, तो घातक साबित हो सकती हैं. मिथेन (CH₄): यह गैस बिना गंध की होती है और अत्यधिक ज्वलनशील होती है. यह कुओं और भूमिगत स्थानों में उत्पन्न हो सकती है जहां जैविक पदार्थों का विघटन होता है.

कार्बन मोनोऑक्साइड (CO): यह गैस अत्यधिक विषैली होती है और यह शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करती है. यह गैस बिना गंध और बिना रंग की होती है, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल होता है.
हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S): यह गैस सड़े अंडे जैसी गंध देती है और अत्यधिक विषैली होती है. यह गंध की क्षमता को भी खत्म कर सकती है, जिससे उच्च सांद्रता में इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

ऐसे बरतें सावधानियां:

  • वेंटिलेशन: कुएं और सीमित स्थानों को अच्छी तरह से वेंटिलेट किया जाना चाहिए ताकि जहरीली गैसें वहां एकत्रित न हो सकें.
  • गैस डिटेक्टर: गैस डिटेक्टर का उपयोग कर उन स्थानों की जांच करनी चाहिए जहां गैस का रिसाव होने की संभावना होती है.
  • प्रशिक्षण: उन लोगों को जो कुएं या सीमित स्थानों में काम करते हैं, उन्हें उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे ऐसी परिस्थितियों में सही तरीके से काम कर सकें.
  • रक्षा उपकरण: श्वासयंत्र और अन्य सुरक्षा उपकरण का उपयोग करना चाहिए जो जहरीली गैसों से सुरक्षा प्रदान कर सकें.

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