रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य से गुजरने वाली ट्रेनों के कैंसिल होने का सिलसिला जारी है। लगातार पिछले 6 महीने में करीब 250 ट्रेनें रद्द हो चुकी है। पिछले एक दशक में अब तक इतनी ट्रेनें कभी रद्द नहीं की गई। ट्रेनों को रद्द करने के कारण लोगों की गर्मी की छुट्टियां खराब हो गईं है। ऐसा भी पहली बार हुआ है, जब कोयले ढुलाई में लगी मालगाड़यों के परिचालन के लिए अप्रैल से मई के बीच केवल एक महीने में 54 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया गया है।
यही नहीं कोहरे, मेंटेनेंस व जवाद चक्रवात के कारण भी यात्री ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। कोयले की कमी के कारण जून-जुलाई में भी ट्रेनों को रद्द किया जा सकता है। दिसंबर से मई तक रायपुर से गुजरने वाली 250 ट्रेनों को रद्द करने टिकट कैंसिलेशन से रेलवे को ढाई करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
ट्रेनों में फुल सीटें
अचानक ट्रेनें रद्द की गई हो रही है तो लोगों के पास एक ही विकल्प है कि वे उसी रुट की ट्रेनों में टिकट करवाकर यात्रा करें। पर सबसे ज्यादा परेशानी इस बात की है कि उसी रुट की दूसरी ट्रेनों में बर्थ बिल्कुल खाली नहीं थीं। इससे लोगों को निराशा ही हाथ लगी। जो शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए यात्रा की प्लानिंग की थी, उन्होंने दो से चार माह पहले टिकट लिया था। ट्रेनें रद्द होने से प्लानिंग फेल हो गई लोग निराश है।
ऑनलाइन रिफंड
रेलवे के अफसरों के अलावा केवल 20 फीसदी लोग काउंटर टिकट लेते हैं। बाकी ऑनलाइन टिकट बुक करवाते हैं। ट्रेन रद्द होने पर ऑनलाइन टिकट करवाने वाले का रिफंड उनके बैंक अकाउंट में आ जाता है। जबकि काउंटर टिकट लेने वालों को काउंटर से कैश मिलता है। ट्रेनों के रद्द होने से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन टिकट का पूरा पैसा वापस मिल जाता है।
हवाई यात्रा भी महंगी
ट्रेनों को कैंसिल करने से लोगों के पास तीन विकल्प है, उसी रूट की ट्रेन, बस या फ्लाइट। फ्लाइट की यात्रा महंगी होने के कारण लोग दूसरा विकल्प ढूंढ़ रहे हैं। टैक्सी या बस से वे छत्तीसगढ़ या पड़ोसी राज्यों के पर्यटन स्थल पहुंच है। ट्रेनें रद्द होने से फ्लाइट के टिकट दोगुने तक महंगे हो गए हैं।
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