बिलासपपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शक्तिपीठ रतनपुर के महामाया कुंड में मृत मिले 23 कछुओं की मौत पर स्वतः संज्ञान लिया है। कछुओं की मौत पर आरोपी बनाए गए पुजारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते गंभीर टिप्पणी की और कहा कि पुजारी भी मर्डर कर सकता है। मजाक बना रखा है, पवित्र स्थान को गंदा बना दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी तो और भी आरोपी सामने आएंगे। पुजारी-पुजारी करके बचाव मत करिए, नगर पालिका परिषद को भी कोर्ट ने तलब कर तालाबों की जानकारी मांगी है।
दरअसल, रतनपुर के महामाया मंदिर के कुंड में नवरात्रि से पहले 25 मार्च को 23 कछुओं की मौत हो गई थी। मामले में ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और मंदिर के पुजारी सतीश शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोपी सतीश शर्मा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आवेदक महामाया मंदिर का मुख्य पुजारी है। ट्रस्ट ने फैसला लिया कि मंदिर से लगे तालाब की सफाई कराई जाएगी। मछुआरों को इसका ठेका दिया गया। सफाई के दो दिन बाद मरे हुए कछुए पाए गए। इस पर वन विभाग को मौके पर बुलाया गया था।
ट्रस्ट के आदेश पर तालाब की सफाई
मामले की जांच के बाद पुलिस ने पुजारी व ट्रस्ट के उपाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। वन विभाग की जांच अभी भी जारी है। आरोपी के वकील ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले को स्वत संज्ञान के तौर पर लिया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा गया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर हैं। मेरा पक्षकार उपाध्यक्ष और पुजारी है। तालाब की सफाई करने वाले मछुआरों को ट्रस्ट के आदेश पर अंदर आने दिया गया था। तालाब सफाई का काम ट्रस्ट द्वारा दिया गया था।
नगर पालिका प्रशासन कोर्ट में तलब
हाईकोर्ट ने पूछा और कौन-कौन आरोपी हैं। इसमें और कितने लोगों के खिलाफ FIR हुई है। सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि मामले में ठेकेदार आनंद जायसवाल के साथ मछुआरे अरुण और विष्णु धीवर भी आरोपी हैं। दोनों अभी जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने नगर पालिका परिषद को भी तलब किया है। नगर पालिका की ओर से कहा गया कि क्षेत्र में जितने भी तालाब हैं, वह सभी नगर पालिका परिषद के अंतर्गत आते हैं, लेकिन मंदिर से लगे कुंड और जहां घटना घटी वह मंदिर ट्रस्ट को दिया गया है। इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
कुंड में कैसे मरे कछुए बड़ा सवाल?
बता दें कि बिलासपुर जिले के रतनपुर में मां महामाया का मंदिर है। इसे छत्तीसगढ़ का बड़ा शक्तिपीठ मना जाता है। मंदिर परिसर के कुंड में कपड़ा धोना, नहाना या मछली पकड़ने पर ट्रस्ट ने रोक लगा रखी है, फिर भी मंदिर से बिल्कुल सटे कुंड में किसने जाल डाला? महामाया मंदिर का सीसीटीवी बंद क्यों था? मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बल ने कुंड में जाल डालने वालों को क्यों नहीं पकड़ा ? ये सारे सवाल बेहद संगीन है और ट्रस्ट के रवैये पर सवाल खड़ा करते हैं। घटना के बाद मंदिर प्रशासन भी सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो।
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