रायपुर. नोटबंदी के बाद चलन में आए 2000 रुपये के नोटों के बंद होने की घोषणा कर दी गई है. इसके साथ ही नोट एक बार फिर बाहर आने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, अधिकांश नोटों को खपाने की फिराक में कई लोग श्रमिक वर्ग को इसी से भुगतान कर रहे हैं. वहीं पेट्रोल पंपों पर भी दो हजार के नोट दिए जा रहे हैं. इससे पेट्रोल पंपों में चिल्हर का संकट भी आ गया है.
माना जा रहा है कि दोबारा नोटबंदी का ये फैसला ब्लैकमनी को समाप्त करने के लिए उठाया गया है. वहीं अब जरूरत के अनुसार रखे नोटों को भी लोग निकाल रहे हैं. दूसरी ओर, जिन्होंने बड़ी मात्रा में इन्हें जमा कर रखा था और इसका हिसाब देने में उनके पसीने छूट रहे हैं वे कई तरीके अपना रहे हैं. इन्हीं में से एक है, अपने कामगारों को वेतन भुगतान. जानकारी के मुताबिक, कुछ लोग तो समय से पहले ही भुगतान कर रहे हैं, जिसमें दो-दो हजार रुपये के नोट बांटे जा रहे हैं. इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा नोटों को खपाना है.
पेट्रोल पंप वालों की बढ़ी मुसीबत
दूसरी ओर, दो हजार रुपये के नोटों को खपाने का सबसे आसान जरिया पेट्रोल पंप बन गया है. लोग जरूरत से ज्यादा पेट्रोल तो डलवा रहे हैं फिर भी पांच सौ और सौ के नोट थोक के भाव में पेट्रोप पंप कर्मचारियों को लौटाना पड़ रहा है. इसके चलते चिल्हर संकट भी आ गया है.
ये है जमा करने की मियाद व जरूरी नियम
बता दें कि आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा है कि नोट फिलहाल चलन में रहेंगे. 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक नोटों को बैंकों में जमा करा सकेंगे. बता दें कि एक दिन में नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है. यानी एक बार में 10 नोट ही बदले जा सकेंगे.
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