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101 दिनों से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी,नवा रायपुर में 27 गांव के ग्रामीण धरने पर,आगे उग्र आंदोलन की तैयारी

 Newsbaji  |  Apr 13, 2022 01:36 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ पिछले 101 दिनों से नवा रायपुर के प्रभावित किसानों का आंदोलन जारी है और मंगलवार को 100 दिन पूरे होने पर महाआंदोलन भी किया। इस महाआंदोलन में 27 गांवों के किसान भारी संख्या में शामिल हुए। किसान आंदोलन को समर्थन देने विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंचे। धरना स्थल पर दिनभर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के भाषणों का दौर चलता रहा।
अब होगा उग्र आंदोलन-किसान नेता
महाआंदोलन की सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा है। उनका कहना है कि दोनों ही पार्टियों ने किसानों को ठगा है। भाजपा को तो अपने कर्मों का फल मिल चुका है। अब कांग्रेस सरकार भी अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी मांगें पूरी नहीं कर रही है। जब सत्ता में नहीं थे, तक कांग्रेस के यही नेता किसानों की मांगों को सही ठहरा रहे थे। सत्ता में आने के बाद सभी मांगों को पूरा करने की बात कही थी। लेकिन आज साढे तीन साल हो गए, मांगें अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

किसान आंदोलन में सभी वर्ग के लोग शामिल हो रहे है।

नवा रायपुर के किसानों की प्रमुख मांगें

  1. नवा रायपुर में पंचायत आज भी संचालित है गलत तरीके से नगरीय क्षेत्र घोषित की गई है, जिसे शून्य घोषित किया जाए।
  2. 2005 से भू क्रय- विक्रय पर प्रतिबंध सभी प्रभावित सभी गांवों से हटाया जाए। लेयर 1 के 14 गांवों में आज भी प्रतिबंध लागू रखा गया।
  3. सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का दिया जाए।
  4. साल 2022 की गणना पर 18 वर्ष की प्रत्येक वयस्क को विवाहित हो या न हो 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड दिया जाए।
  5. भू-अर्जन से अर्जित भूमियों पर वार्षिकी राशि 15000 रुपए प्रति वर्ष व 750 रुपए बढ़ोत्तरी के साथ देवे व जिन किसानों का कथित आपसी सहमति वार्षिकी राशि आडिट आब्जेक्शन के नाम पर रोकी गई हैं। पूर्व की भांति सम्पूर्ण राशि देनी की मांग है।
  6. 12 वीं बैठक साल 2013 का सम्पूर्ण निर्णयों पालन करें। मात्र इन्हीं में से 5 बिन्दु लेयर 1 के 14 गांवों का परिपालन करने का आदेश जारी किए हैं।
  7. साल 1992 के पूर्व काबिज जमीन पर साल 2011-12 की गाइड लाइन पर भुगतान हो।
  8. बन्दोबस्त त्रुटि का अंतर का राशि पुराना रिकॉर्ड एवं नए रिकार्ड के अनुसार दिया जाए।
  9. नवा रायपुर क्षेत्र में रसोई गैस, पेट्रोल पम्प प्रभावित किसान परिवारों को दिया जाए।
  10. भू-अर्जन पुराने व नए कानून से अर्जन की गई हैं और जो किसान रकम नहीं उठाए हैं। उन किसानों को नए कानून के तहत मुआवजा, पुर्नवास या जमीन के बदले जमीन या 50 प्रतिशत विकसित भूखण्ड परियोजना क्षेत्र में ही दिया जाए।

किसान संगठनों का मिला समर्थन
किसानों के इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं निवेशक कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, हसदेव अरण्य बचाव समिति, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा,किसान संघ राजनांदगांव, छग बचाव जन आन्दोलन-22 संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा, सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ किसान संगठन, दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ, मितानिन कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ अस्मिता मंच, सर्वविभागीय दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ, युवा समन्वय मंच, आंगनवाड़ी सहायिका कार्यकर्ता संघ, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन (अ),नर्मदा बचाव आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चा, अखिल भारतीय किसान कल्याण मजदूर संघ, फुटकर व्यापारी कल्याण संघ, फुटकर पथ व्यापारी कल्याण संघ रायपुर, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ, फुटकर पथ विक्रेता कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ किसान सभा, राष्ट्रीय किसान संगठन छग प्रदेश, तत्पर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छग ने भी समर्थन दिया है।

किसान आंदोलन को अन्य संगठनों का समर्थन।

नई राजधानी प्रबावित किसान समिति के अध्यक्ष रुपन चंद्राकर ने बताया कि वादा करके मुकरने वाली सरकार से नवा रायपुर के किसान खासे आक्रोशित है। पिछले 100 दिनों से आंदोलन जारी है। किसानों की सभी मांगों जब तक पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा, आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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