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"आजादी के 75 वर्ष और भविष्य की दिशाएं" पर परिचर्चा, वक्ता बोले- देश में तमाम छोटी छोटी पार्टियां है, जिनका कोई राष्ट्रीय एजेण्डा नहीं!

 Newsbaji  |  Aug 21, 2022 08:54 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:19 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में "नई पीढ़ी" और राष्ट्रीय स्तर पर लेखकों पत्रकारों की प्रथम साझा मंच राइटर्स एंड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा "आजादी के 75 वर्ष और भविष्य के दिशाएं" गत दिनों इसका आयोजन किया गया।

राजनीतिक पार्टियों के पास नहीं बचा एजेण्डा !
इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए "नई पीढ़ी" के सलाहकार संपादक और "वाजा इंडिया" के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर. विक्रम सिंह (Retd IAS) ने कहा कि, आज आजादी के 75 वर्ष में जबकि राष्ट्र निर्माण के लिए तेजी से काम करने की आवश्यकता है, ऐसे में हमारे नेताओं की सारी शक्तियां सत्ता में ही बने रहने के लिए ही खर्च हो रही हैं, उन्होंने आगे कहा कि देश में तमाम छोटी छोटी पार्टियां है, जिनका कोई राष्ट्रीय एजेण्डा नहीं है। वहीं, इस मौके पर ला ऑर्गेनिक फूड प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पूनम सिंह ने कहा कि आजादी के इन 75 वर्षों में पहले से ज्यादा जागरूकता आई है। उन्होंने व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं पर भी अपनी बात रखी और व्यापार जगह में आ रही उन तमाम कठिनाईयों के बारे में अपने विचार रखें।

अमृत महोत्सव के साथ चुनौतियां
कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखते हुए दिल्ली प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष और वाजा इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीतने पर अगले 25 वर्ष के कार्य योजना की जरूरत है। इस दौरान आने वाली चुनौतियों का भी डटकर सामना करना पड़ेगा हमें उसके लिए भी तैयार रहने की जरुरत है।
अगले क्रम में भोजपुरी फिल्मों के दिग्गज निर्माता निर्देशक राजकुमार आर. पांडे ने बताया कि, कोरोना काल के बाद काफी परिवर्तन आया है, अब लोग अपनी जड़ों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने भोजपुरी फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए यूपी सरकार को बधाई भी दी।

संचार माध्यम की ताकत
वहीं, अगले क्रम में "दैनिक भास्कर" छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रधान संवाददाता सुरेंद्र सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि हमें किसानों को समृद्ध करने पर जोर देना होगा। साथ ही जिस तरह से किसान आत्महत्या कर रहे है उस तरफ भी सरकारों को देखने की आवश्यकता है। अगर देश का किसान खुशहाल होगा तो देश की अर्थ व्यवस्था सुधरेगी। उन्होंने आगे कहा कि संचार के अलग-अलग माध्यमों में आज हर व्यक्ति को पत्रकार बना दिया है, यह एक शुभ संकेत है! कि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हो रहे है।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित चिंतक व विचारक आर.डी. आनंद ने कहा कि मोबाइल से अब दुनिया मुट्ठी में है हम एक नई स्वर्ग जैसी दुनिया में आ गए है, जिसे हम और बेहतर बना सकते थे। परंतु हमने समाज को जाति धर्म और तमाम तरीके की विसंगतियों में बांध रखा है।

शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि
उक्त कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेवलपमेंट विभाग के निदेशक प्रोफ़ेसर प्रवीण वर्मा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमने शिक्षित बेरोजगार अधिक पैदा किए है । बहरहाल इधर ई - लर्निंग का प्लेटफार्म मजबूत हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत में टेक्नोलॉजी का उपयोग खेती में जिस तरह से किया जा रहा है उसी तरह नार्थ और पूर्वी भारत में भी होना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में नई पीढ़ी के संस्थापक और वाजा इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शिवेंद्र प्रकाश द्विवेदी सभी उपस्थित वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। कुल मिलाकर यह परिचर्चा बेहद ज्ञानवर्धक व सार्थक रही, जिसमें सभी वक्ताओं के बीच गंभीर विचार-विमर्श हुआ।

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