Friday ,October 18, 2024
होमचिट्ठीबाजीगिनती में क्या रखा है?...

गिनती में क्या रखा है?

 Newsbaji  |  Nov 18, 2023 04:24 PM  | 
Last Updated : Nov 18, 2023 04:24 PM
भारत को एक गिनती प्रधान देश बनाकर रख दिया था.
भारत को एक गिनती प्रधान देश बनाकर रख दिया था.

(व्यंग्य: राजेंद्र शर्मा)
सारी गड़बड़ी नेहरू जी की थी. उन्हें गिनती कराने का कुछ ज्यादा ही शौक था. कुछ भी करते बाद में थे, उसकी गिनती पहले मांगते थे और गिनती नहीं हो, तो पहले गिनती ही कराते थे. गरीबों की गिनती. भूखों को गिनती. दलितों की गिनती. आदिवासियों की गिनती. बेघरों की गिनती. घरों की गिनती. किसानों की गिनती. मजदूरों की गिनती. कल-कारखानों की गिनती. पैदावार की गिनती. पैदावार में बढ़ोतरी की गिनती. आबादी की गिनती. आबादी में बढ़ोतरी की भी गिनती. हिंदुओं, मुसलमानों वगैरह की गिनती. यानी गिनती ही गिनती.

अनगिनत गिनतियां. भारत कहने को ही कृषि प्रधान देश था, असल में तो बंदों ने भारत को एक गिनती प्रधान देश बनाकर रख दिया था. बाद में जो आए, वे भी लकीर के फकीर बनकर गिनतियां कराते रहे और गिनतियों में से और-और गिनतियां निकालते रहे.

मोदी जी नहीं आते और अमृतकाल में हमें जनगणना समेत, एक-एक कर के तमाम गिनतियों से मुक्ति नहीं दिलाते, तो आज भी हम हिसाब-किताब में ही अटके रहते. और मोदी जी से हर साल की दो करोड़ के हिसाब से नौकरियां मांगते रहते. अब न रहेगी बेरोजगारों की गिनती और न होगी नौकरियों की हाय-हाय!

फिर भी, नेहरू जी ने लाख गिनतियां करायी हों, पर एक गिनती नेहरू जी ने भी नहीं करायी-- जातियों की गिनती. पर खुद को नेहरू जी के वारिस बताने वाले, अब जातियों की गिनती भी कराने की जिद पकड़े हुए हैं. क्या भारत अमृतकाल में भी गिनती मुक्त नहीं हो पाएगा? मोदी जी का हरेक दावा कब तक गिन-गिनकर झूठा साबित किया जाता रहेगा!

(व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक 'लोकलहर' के संपादक हैं.)

admin

Newsbaji

Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft